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कहानी
एक बार महात्मा बुध्ह एक सभा में बिना कुछ बोले ही वहाँ से चले गए. उस सभा में सैकड़ो लोग आये थे. दुसरे दिन उससे कम आये इसी तरह यह संख्या एक दिन बहुत कम हो गई. प्रवचन के अंतिम दिन केवल 50 लोग ही पहुंचे. महात्मा बुद्ध आये, उन्होंने इधर-उधर देखा और बिना कुछ कहे वापिस चले गए. इस तरह सैम बीतता गया. तथागत आते और चले जाते रहे. जब हमेशा की तरह महात्मा बुद्ध प्रवचन देने पहुंचे तो वह एक ही व्यक्ति मौजूद था. तथागत ने पूछा तुम यहाँ क्यों रुके हो? उसने कहा धैर्य के कारण उस दिन तथागत एक ही व्यक्ति को ज्ञान देकर उस गाँव से चले गए.